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कुंडली में धन योग: जानें कौन से योग दिलाते हैं अपार संपत्ति

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धन और समृद्धि का हर व्यक्ति सपना देखता है, लेकिन क्या हर कोई करोड़पति बन पाता है? नहीं! इसके पीछे मेहनत, बुद्धिमत्ता, सही निर्णय और सबसे महत्वपूर्ण— कुंडली में धन योग का योगदान होता है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ विशेष ग्रह स्थितियाँ और योग व्यक्ति को अपार संपत्ति अर्जित करने का वरदान देते हैं। अगर आपकी कुंडली में ये योग मौजूद हैं, तो आपकी आर्थिक स्थिति निश्चित रूप से मजबूत होगी। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि कौन-कौन से धन योग किसी व्यक्ति को अपार संपत्ति प्रदान करते हैं और क्या उपाय किए जा सकते हैं यदि कुंडली में धन योग कमजोर हो। धन योग क्या होता है? धन योग का अर्थ होता है कुंडली में ऐसे ग्रहों का संयोग, जो व्यक्ति को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाते हैं। यदि किसी जातक की कुंडली में धन भाव (2nd house), लाभ भाव (11th house), नवम भाव (भाग्य भाव) और पंचम भाव (बुद्धि, विद्या और सट्टा भाव) में शुभ ग्रह स्थित हों, तो यह धन योग का निर्माण करते हैं। ये योग व्यक्ति को  व्यापार में सफलता  , नौकरी, निवेश, प्रॉपर्टी और अन्य आर्थिक स्रोतों से धन अर्जित करने में सहायता करते ...

क्या बिना गुण मिलान के भी सुखी वैवाहिक जीवन संभव है? ज्योतिषीय विश्लेषण

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  विवाह भारतीय संस्कृति में एक पवित्र बंधन माना जाता है, जिसमें दो आत्माएं जीवनभर एक-दूसरे का साथ निभाने का संकल्प लेती हैं। इस रिश्ते को सफल बनाने के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं, जिनमें आपसी समझ, प्रेम, सम्मान, और विश्वास प्रमुख हैं। भारतीय ज्योतिष में   विवाह से पहले कुंडली मिलान , यानि गुण मिलान को विशेष महत्व दिया जाता है। परंतु यह बात तो सच है कि वैवाहिक जीवन की शुभदशा  बिना गुण मिलान के ही मुमकिन हो सकती है। इस प्रश्न को ज्योतिषीय दृष्टिकोण से समझने का प्रयास करेंगे। कुंडली मिलान का महत्व कुंडली मिलान हिंदू विवाह परंपरा का एक अभिन्न अंग है। इसमें वर और वधू की  जन्म कुंडली  का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका विवाहिक जीवन सुखमय रहेगा या नहीं। गुण मिलान में मुख्य रूप से अष्टकूट मिलान पद्धति अपनाई जाती है, जिसमें 36 गुणों का मिलान किया जाता है। इन गुणों के आधार पर  विवाहिक जीवन में समस्याएं के लिए   ज्योतिष परामर्श … अष्टकूट मिलान के आठ प्रमुख घटक : वर्ण (1 गुण ) — विश्लेषण करता है: मानसिक अनुकूलता। वश्य (2 गुण ...

पढ़ें आज का पंचांग और राशिफल: जानें क्या कहता है आपका भाग्य

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भारतीय ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का विशेष महत्व होता है। यह हमें दिन, तिथि, नक्षत्र, योग, और करण की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जिससे हम अपने दिनचर्या को शुभ कार्यों के अनुसार व्यवस्थित कर सकते हैं। वहीं, राशिफल हमें ग्रहों की चाल और उनकी स्थिति के आधार पर भविष्य में होने वाली घटनाओं के संकेत देता है। तो आइए जानते हैं आज का पंचांग और राशिफल। आज का पंचांग आज का पंचांग अमुक तथा माहात्वीय जीवन की विविधियां को बताता है। इस में तिथि दिन, वर्ष, नक्षत्र, योग, करण आदि अन्य जीवनि चर्चाॏकों की जानकारी मिलती है। आईए जानते हैं कि आज की तिथि क्या है और कौन से कोन-कोन सुभ सम्बन्धि है। आज का राशिफल आज का राशिफल जोतिष के अनुसार दिन के कार्याक्रमों, व्यवहार और संभावों की जानकारी देता है। यह बताता है कि किस राशि के लोगों के लिए आज का दिन कैसा रहेगा। आईए जानते हैं कि कौन से किस का भाग्य पोष्टिव हो सकता है और किस को सावधान रखना चाहिए। आज के राशिफल को पढ़ा कर अपने दिन की योजना करें और बहुत करें यह दिन आपके लिए कैसा रहेगा। आज का पंचांग तिथि और वार तिथि: द्वितीया वार: बुधवार नक्षत्र...

ग्रहों की दशा और कुंडली मिलान: विवाह पर इसका प्रभाव

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विवाह न केवल दो व्यक्तियों का मिलन होता है, बल्कि यह दो परिवारों के बीच भी एक मजबूत बंधन बनाता है। हिंदू ज्योतिष शास्त्र में विवाह को एक पवित्र संस्कार माना गया है, जिसमें कुंडली मिलान और ग्रहों की दशा का विशेष महत्व होता है।  कुंडली मिलान  से यह पता चलता है कि पति-पत्नी का जीवन कैसा रहेगा, जबकि ग्रहों की दशा विवाह के सुखद या संघर्षमय होने का संकेत देती है। इस लेख में हम जानेंगे कि कुंडली मिलान और ग्रहों की दशा कैसे विवाह को प्रभावित करते हैं। कुंडली मिलान का महत्व कुंडली मिलान को हिंदू विवाह में अनिवार्य माना जाता है। यह  विवाह में सफलता , सुख-शांति,  संतान सुख  और आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है।  कुंडली  मिलान में मुख्य रूप से निम्नलिखित आठ पहलुओं का अध्ययन किया जाता है: 1. वर्ण मिलान —  दंपत्ति के बीच आपसी सामंजस्य और रिश्ते की अनुकूलता को दर्शाता है। 2. वश्य मिलान —  पति-पत्नी के बीच नियंत्रण और आपसी तालमेल को देखता है। 3. तारा मिलान —  जीवनसाथी के स्वास्थ्य  और दीर्घायु से संबंधित होता है। 4. योग मिलान —  रिश्ते की स्थि...

वैवाहिक जीवन में समस्याएँ: ज्योतिषीय कारण और समाधान

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वैवाहिक जीवन हर व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू होता है। एक सफल और सुखी दांपत्य जीवन के लिए प्रेम, समझ और सामंजस्य आवश्यक होते हैं, लेकिन कई बार रिश्तों में समस्याएँ आ जाती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वैवाहिक जीवन में उत्पन्न होने वाली परेशानियों के पीछे ग्रहों की स्थिति और कुंडली दोष महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि  वैवाहिक जीवन में समस्याएँ  क्यों उत्पन्न होती हैं और उनके ज्योतिषीय समाधान क्या हो सकते हैं। वैवाहिक जीवन में समस्याओं के ज्योतिषीय कारण मंगल दोष (Manglik Dosha) मंगल दोष वैवाहिक जीवन में प्रमुख बाधाओं में से एक है। अगर किसी व्यक्ति की  कुंडली में मंगल दोष  हो, तो विवाह में देरी, दांपत्य जीवन में तनाव, और विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। समाधान: मंगलीक व्यक्ति को मंगलीक व्यक्ति से विवाह करना चाहिए। विवाह से पहले विशेष पूजन और अनुष्ठान करना चाहिए, जैसे कि मंगल शांति पाठ। हनुमान जी की पूजा और मंगलवार का व्रत करना लाभदायक होता है। शनि और राहु का प्रभाव शनि और राहु की प्रतिकूल स्थिति  विवाह में देरी , वैवाहिक जीवन में मनमुटाव ...

क्या आपकी कुंडली में धन प्राप्ति के योग हैं? जानिए ज्योतिषीय संकेत

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धन और समृद्धि हर व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, तो कोई आर्थिक संघर्ष से गुजरता है। क्या आपने कभी सोचा है कि इसका संबंध आपकी कुंडली से हो सकता है? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आपकी जन्म  कुंडली  में कुछ विशेष योग होते हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि आपको धन प्राप्ति होगी या नहीं। इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि किन ग्रहों और योगों से व्यक्ति को अपार धन प्राप्त होता है और साथ ही कुछ उपाय भी बताएंगे जो आर्थिक समृद्धि के लिए सहायक हो सकते हैं। कुंडली में धन प्राप्ति के महत्वपूर्ण ग्रह ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ प्रमुख ग्रह और भाव धन प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से  ग्रह और भाव  धन योग बनाने में सहायक होते हैं। 1. दूसरा भाव (धन भाव) दूसरा भाव व्यक्ति की कुल संपत्ति और बचत को दर्शाता है।  जन्म कुंडली से जानें प्रॉपर्टी के योग  , यदि इस भाव का स्वामी मजबूत हो और शुभ ग्रहों से प्रभावित हो, तो व्यक्ति को आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है। 2. ग्यारहवां भाव (लाभ भाव)...

कुंडली और पंचांग: जन्म तिथि और नक्षत्र का आपके भविष्य पर प्रभाव

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भारतीय ज्योतिष में कुंडली और पंचांग का महत्वपूर्ण स्थान है। जन्म तिथि और नक्षत्र न केवल हमारे व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं, बल्कि हमारे जीवन के प्रमुख घटनाक्रमों को भी निर्धारित करते हैं। यह लेख   कुंडली , पंचांग, जन्म तिथि और नक्षत्र के महत्व को समझने और उनके प्रभावों को जानने में आपकी सहायता करेगा। कुंडली और पंचांग का परिचय कुंडली एक ज्योतिषीय चार्ट होता है, जिसे जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के आधार पर तैयार किया जाता है। यह चार्ट  कुंडली में बारह भावों  में विभाजित होता है, जिसमें प्रत्येक ग्रह अलग-अलग स्थान ग्रहण करता है और विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। पंचांग  एक ज्योतिषीय कैलेंडर होता है, जिसमें तिथि,  वार, नक्षत्र, योग और करण  का विवरण होता है। यह किसी भी शुभ या अशुभ कार्य के लिए समय का निर्धारण करने में सहायक होता है। जन्म तिथि और उसका प्रभाव हमारी जन्म तिथि हमारे स्वभाव, मानसिकता और भविष्य की संभावनाओं को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह अंक ज्योतिष और वैदिक ज्योतिष दोनों में महत्वपूर्ण मानी जाती है। 1, 10, 19, 28 तारीख क...

क्या आपकी कुंडली में बिजनेस का योग है? जानें ज्योतिषीय उपाय

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  व्यवसाय (बिजनेस) करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। कुछ लोग नौकरी में सफल होते हैं, जबकि कुछ लोग अपने व्यापार से बड़ी ऊंचाइयों तक पहुंचते हैं। परंतु, क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी कुंडली (जन्मपत्री) में बिजनेस का योग है या नहीं? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी व्यक्ति की कुंडली में विशेष ग्रह योग और दशाएं होती हैं जो उसे व्यवसाय करने में सफलता दिलाती हैं। इस लेख में हम यह जानेंगे कि किन ग्रहों और योगों से   व्यापार में सफलता   मिलती है और साथ ही कुछ ज्योतिषीय उपाय भी बताएंगे जो आपके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में सहायक होंगे। कुंडली में बिजनेस योग की पहचान ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ प्रमुख ग्रह और   कुंडली में व्यापार योग  के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से ग्रह और भाव (हाउस) व्यापार योग को प्रभावित करते हैं। 1. दशम भाव (10वां घर) की स्थिति दशम भाव को कर्म भाव कहा जाता है। यह घर हमारे व्यवसाय,  करियर ज्योतिष  और पेशेवर जीवन को दर्शाता है। यदि इस भाव में शुभ ग्रह स्थित हों, तो व्यक्ति को व्यापार में सफलता मिलती है। 2. सप्...

बच्चों की कुंडली और उनका भविष्य: ज्योतिष का महत्व

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बच्चों के जीवन में ज्योतिष और कुंडली का महत्व भारतीय संस्कृति और परंपरा में गहराई से जुड़ा हुआ है। जन्म से ही हर माता-पिता अपने बच्चे के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। इस उद्देश्य से, बच्चे के जन्म के तुरंत बाद उनकी कुंडली बनाई जाती है। कुंडली न केवल बच्चे की व्यक्तिगत विशेषताओं को जानने का एक माध्यम है, बल्कि यह उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे शिक्षा, करियर, स्वास्थ्य, विवाह और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने में भी सहायक होती है। इस ब्लॉग में, हम   बच्चों की कुंडली  और उनके भविष्य के निर्माण में ज्योतिष के महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे। कुंडली क्या है? कुंडली, जिसे जन्मपत्रिका या हॉरोस्कोप भी कहा जाता है, एक चार्ट या आरेख होता है जो बच्चे के जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति को दर्शाता है।  कुंडली में 12 भाव  (घर) होते हैं, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके साथ ही, ग्रहों की स्थिति और उनकी चाल को देखकर यह बताया जाता है कि उनका बच्चे के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। कुंडली कैसे बनाई जाती है? कुंडली बनाने के लिए ...