ग्रहों की दशा और कुंडली मिलान: विवाह पर इसका प्रभाव

विवाह न केवल दो व्यक्तियों का मिलन होता है, बल्कि यह दो परिवारों के बीच भी एक मजबूत बंधन बनाता है। हिंदू ज्योतिष शास्त्र में विवाह को एक पवित्र संस्कार माना गया है, जिसमें कुंडली मिलान और ग्रहों की दशा का विशेष महत्व होता है। कुंडली मिलान से यह पता चलता है कि पति-पत्नी का जीवन कैसा रहेगा, जबकि ग्रहों की दशा विवाह के सुखद या संघर्षमय होने का संकेत देती है। इस लेख में हम जानेंगे कि कुंडली मिलान और ग्रहों की दशा कैसे विवाह को प्रभावित करते हैं।

कुंडली मिलान का महत्व

कुंडली मिलान को हिंदू विवाह में अनिवार्य माना जाता है। यह विवाह में सफलता, सुख-शांति, संतान सुख और आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है। कुंडली मिलान में मुख्य रूप से निम्नलिखित आठ पहलुओं का अध्ययन किया जाता है:

1. वर्ण मिलान — दंपत्ति के बीच आपसी सामंजस्य और रिश्ते की अनुकूलता को दर्शाता है।

2. वश्य मिलान — पति-पत्नी के बीच नियंत्रण और आपसी तालमेल को देखता है।

3. तारा मिलान — जीवनसाथी के स्वास्थ्य और दीर्घायु से संबंधित होता है।

4. योग मिलान — रिश्ते की स्थिरता और सामंजस्य को प्रभावित करता है।

5. ग्रह मैत्री — वैचारिक समानता और आपसी समझ दर्शाता है।

6. गण मिलान — मानसिकता और स्वभाव की संगति को जांचता है।

7. भकूट मिलान — विवाह के दौरान आने वाली संभावित समस्याओं का संकेत देता है।

8. नाड़ी मिलान — संतान प्राप्ति और शारीरिक अनुकूलता को प्रभावित करता है।

ग्रहों की दशा और विवाह पर प्रभाव

ग्रहों की दशा से यह निर्धारित किया जाता है कि विवाह सुखमय रहेगा या संघर्षपूर्ण। ग्रहों की शुभ स्थिति विवाह को सकारात्मक बनाती है, जबकि अशुभ दशा विवाह में समस्याएँ उत्पन्न कर सकती है।

1. शुक्र ग्रह — विवाह का कारक ग्रह है। इसकी शुभ स्थिति दांपत्य जीवन में प्रेम और सुख-संपन्नता लाती है, जबकि इसकी अशुभ स्थिति रिश्ते में तनाव उत्पन्न कर सकती है।

2. मंगल दोष — अगर मंगल दोष हो तो वैवाहिक जीवन में संघर्ष, मतभेद और कठिनाइयाँ आ सकती हैं।

3. शनि ग्रह — यदि शनि विवाह भाव (सप्तम भाव) में हो तो विवाह में देरी और आपसी मतभेद होने की संभावना बढ़ जाती है।

4. राहु-केतु का प्रभाव — राहु-केतु की अशुभ दशा विवाह में धोखा, भ्रम और अविश्वास ला सकती है।

5. बृहस्पति ग्रह — विवाह में स्थायित्व और समृद्धि का कारक होता है। अगर यह कमजोर हो तो रिश्ते में अस्थिरता आ सकती है।

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