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क्या ज्योतिष मेरी जिंदगी बदल सकता है? अतीत और भविष्य के जीवन का अध्ययन

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आज के समय में, ज्योतिष शास्त्र को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। क्या ज्योतिष वास्तव में हमारी जिंदगी को बदल सकता है? क्या अतीत और भविष्य के जीवन का अध्ययन करके हम अपने वर्तमान को बेहतर बना सकते हैं?क्या  कर्मों   के   सुधार   के   लिए   ज्योतिष  से मदद मिल सकती है? इन सभी सवालों के जवाब ढूंढने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम ज्योतिष के आधारभूत सिद्धांतों को समझें और देखें कि यह कैसे हमारे जीवन को प्रभावित करता है। अतीत के जीवन का अध्ययन और भविष्य का मार्गदर्शन ज्योतिष शास्त्र का एक महत्वपूर्ण पहलू है — अतीत के जीवन का अध्ययन और भविष्य के जीवन का पूर्वानुमान। ज्योतिष के अनुसार, हमारे जीवन की घटनाएँ हमारे जन्म पत्रिका ( जन्म   कुंडली ) में पहले से ही निर्धारित होती हैं। यह जन्म पत्रिका ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभावों का विवरण देती है, जो हमारे जीवन के हर पहलू पर असर डालते हैं। अतीत के जीवन का अध्ययन करते हुए, ज्योतिष शास्त्र हमें यह समझने में मदद करता है कि हम कौन हैं और हमारे जीवन में कौन–कौन सी घटनाएँ घटित हो चुकी हैं, और कैसे वे ह...

ज्योतिष अनुसार जिनकी जन्मकुंडली में होते हैं ये विशेष योग

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ज्योतिष शास्त्र में जन्मकुंडली को व्यक्ति के भविष्य का दर्पण माना जाता है। जन्मकुंडली में विभिन्न ग्रहों की स्थिति, राशि, भाव और योग के आधार पर यह तय होता है कि व्यक्ति का जीवन कैसा रहेगा। कुछ विशेष योग जन्मकुंडली में बनने पर व्यक्ति को अपार सफलता, धन-संपत्ति, यश और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। इस लेख में हम आपको उन विशेष योगों के बारे में बताएंगे जो किसी व्यक्ति की  जन्मकुंडली  में होने पर उसे जीवन में विशेष लाभ दिलाते हैं। 1. राजयोग राजयोग को ज्योतिष शास्त्र में सबसे शुभ योगों में से एक माना जाता है। यह योग तब बनता है जब जन्मकुंडली में केंद्र और त्रिकोण भाव के स्वामी परस्पर संबंध स्थापित करते हैं या उच्च के ग्रह इन स्थानों पर स्थित होते हैं। इस  राज योग के प्रभाव  से व्यक्ति को जीवन में उच्च पद, सम्मान, शक्ति और समृद्धि प्राप्त होती है। कैसे बनता है राजयोग? यदि केंद्र (1, 4, 7, 10 भाव) और त्रिकोण (1, 5, 9 भाव) के स्वामी आपस में संबंध बनाते हैं। यदि गुरु, शुक्र, शनि या सूर्य उच्च के होकर महत्वपूर्ण भावों में स्थित होते हैं। लग्नेश और नवमेश का शुभ संबंध होने पर भी...