ज्योतिष अनुसार जिनकी जन्मकुंडली में होते हैं ये विशेष योग

ज्योतिष शास्त्र में जन्मकुंडली को व्यक्ति के भविष्य का दर्पण माना जाता है। जन्मकुंडली में विभिन्न ग्रहों की स्थिति, राशि, भाव और योग के आधार पर यह तय होता है कि व्यक्ति का जीवन कैसा रहेगा। कुछ विशेष योग जन्मकुंडली में बनने पर व्यक्ति को अपार सफलता, धन-संपत्ति, यश और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। इस लेख में हम आपको उन विशेष योगों के बारे में बताएंगे जो किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में होने पर उसे जीवन में विशेष लाभ दिलाते हैं।

1. राजयोग

राजयोग को ज्योतिष शास्त्र में सबसे शुभ योगों में से एक माना जाता है। यह योग तब बनता है जब जन्मकुंडली में केंद्र और त्रिकोण भाव के स्वामी परस्पर संबंध स्थापित करते हैं या उच्च के ग्रह इन स्थानों पर स्थित होते हैं। इस राज योग के प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में उच्च पद, सम्मान, शक्ति और समृद्धि प्राप्त होती है।

कैसे बनता है राजयोग?

  • यदि केंद्र (1, 4, 7, 10 भाव) और त्रिकोण (1, 5, 9 भाव) के स्वामी आपस में संबंध बनाते हैं।
  • यदि गुरु, शुक्र, शनि या सूर्य उच्च के होकर महत्वपूर्ण भावों में स्थित होते हैं।
  • लग्नेश और नवमेश का शुभ संबंध होने पर भी राजयोग बनता है।

राजयोग के लाभ:

  • व्यक्ति को समाज में उच्च पद प्राप्त होता है।
  • राजनीतिक क्षेत्र में सफलता मिलती है।
  • आर्थिक समृद्धि और मान-सम्मान बढ़ता है।

2. गजकेसरी योग

गजकेसरी योग को धन, विद्या और बुद्धि का योग माना जाता है। यह योग तब बनता है जब चंद्रमा और गुरु केंद्र में स्थित हों। गजकेसरी योग के जातक बुद्धिमान, धनी और प्रतिष्ठित होते हैं।

कैसे बनता है गजकेसरी योग?

  • जब गुरु और चंद्रमा जन्मकुंडली के केंद्र (1, 4, 7, 10) में स्थित होते हैं।
  • यदि गुरु और चंद्रमा शुभ ग्रहों से दृष्ट होते हैं, तो यह योग और भी बलशाली हो जाता है।

गजकेसरी योग के लाभ:

  • व्यक्ति को जीवन में सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
  • मानसिक शांति और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है।
  • व्यक्ति समाज में प्रतिष्ठा और मान-सम्मान अर्जित करता है।

3. लक्ष्मी योग

लक्ष्मी योग व्यक्ति को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाता है। जिनकी कुंडली में लक्ष्मी योग होता है, उन्हें जीवन में धन की कमी नहीं होती।

कैसे बनता है लक्ष्मी योग?

  • जब नवम भाव का स्वामी मजबूत स्थिति में होता है और केंद्र या त्रिकोण भाव में स्थित होता है।
  • लग्नेश बलवान हो और शुभ ग्रहों से दृष्ट हो।

लक्ष्मी योग के लाभ:

  • व्यक्ति धनवान बनता है।
  • व्यापार और व्यवसाय में सफलता मिलती है।
  • जीवन में ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि बनी रहती है।

4. बुधादित्य योग

बुधादित्य योग बुध और सूर्य के संयोजन से बनता है। बुधादित्य योग व्यक्ति को तीव्र बुद्धि, वाणी में प्रभावशीलता और प्रशासनिक क्षमता प्रदान करता है।

कैसे बनता है बुधादित्य योग?

  • जब बुध और सूर्य एक ही राशि में स्थित होते हैं।
  • यदि यह योग केंद्र या त्रिकोण भाव में हो तो विशेष फलदायी होता है।

बुधादित्य योग के लाभ:

  • व्यक्ति कुशल वक्ता और बुद्धिमान होता है।
  • राजनीति और प्रशासन में सफलता प्राप्त होती है।
  • व्यक्ति को उच्च पद और सम्मान प्राप्त होता है।

5. चंद्र–मंगल योग (धन योग)

चंद्र-मंगल योग को धन योग भी कहा जाता है। चंद्र-मंगल योग व्यक्ति को अपार धन-संपत्ति अर्जित करने की क्षमता प्रदान करता है।

कैसे बनता है चंद्र-मंगल योग?

  • जब चंद्रमा और मंगल एक ही भाव में स्थित होते हैं।
  • यदि यह योग लग्न, धन भाव या केंद्र-त्रिकोण में बने तो अत्यधिक शुभ होता है।

चंद्र-मंगल योग के लाभ:

  • व्यक्ति को जीवन में आर्थिक संपन्नता प्राप्त होती है।
  • व्यापार और व्यवसाय में जबरदस्त सफलता मिलती है।
  • व्यक्ति आत्मनिर्भर और साहसी बनता है।

6. पंच महापुरुष योग

यह योग तब बनता है जब पंच महापुरुष ग्रह (मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि) अपनी उच्च या स्वगृही स्थिति में केंद्र भावों (1, 4, 7, 10) में स्थित होते हैं। इस योग के जातक जीवन में महान कार्य करते हैं। यदि आप हिंदू पंचांग के अनुसार ही किसी नए व्यापार की योजना पर धन और समय लगाएं तो यह आपके लिए शुभ साबित हो सकता है।

कैसे बनता है पंच महापुरुष योग?

  • मंगल केंद्र में मेष या वृश्चिक राशि में हो (रूचक योग)।
  • बुध केंद्र में मिथुन या कन्या राशि में हो (भद्र योग)।
  • गुरु केंद्र में धनु या मीन राशि में हो (हंस योग)।
  • शुक्र केंद्र में वृषभ या तुला राशि में हो (मालव्य योग)।
  • शनि केंद्र में मकर या कुंभ राशि में हो (शश योग)।

पंच महापुरुष योग के लाभ:

  • व्यक्ति जीवन में महान उपलब्धियां प्राप्त करता है।
  • राजनीति, व्यापार और प्रशासन में सफलता मिलती है।
  • समाज में व्यक्ति का सम्मान बढ़ता है।

निष्कर्ष

जन्मकुंडली में यदि उपरोक्त विशेष योग मौजूद हों, तो व्यक्ति का जीवन सफल, सुखी और समृद्ध बनता है। हालांकि, अन्य ग्रहों की स्थिति और दशाएं भी इन योगों के प्रभाव को प्रभावित करती हैं। यदि आपकी कुंडली में ये योग हैं, तो आप निश्चित रूप से अपने जीवन में सफलता की ऊंचाइयों को छू सकते हैं।

अगर आप अपनी जन्मकुंडली का विश्लेषण कराना चाहते हैं तो किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें। सही मार्गदर्शन और उपायों से जीवन को और भी सुखद बनाया जा सकता है।

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Source :- https://kundlihindi.com/blog/yogas-in-kundli/

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