वैवाहिक जीवन में समस्याएँ: ज्योतिषीय कारण और समाधान

वैवाहिक जीवन हर व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू होता है। एक सफल और सुखी दांपत्य जीवन के लिए प्रेम, समझ और सामंजस्य आवश्यक होते हैं, लेकिन कई बार रिश्तों में समस्याएँ आ जाती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वैवाहिक जीवन में उत्पन्न होने वाली परेशानियों के पीछे ग्रहों की स्थिति और कुंडली दोष महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि वैवाहिक जीवन में समस्याएँ क्यों उत्पन्न होती हैं और उनके ज्योतिषीय समाधान क्या हो सकते हैं।

वैवाहिक जीवन में समस्याओं के ज्योतिषीय कारण

  1. मंगल दोष (Manglik Dosha)

मंगल दोष वैवाहिक जीवन में प्रमुख बाधाओं में से एक है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष हो, तो विवाह में देरी, दांपत्य जीवन में तनाव, और विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।

समाधान:

  • मंगलीक व्यक्ति को मंगलीक व्यक्ति से विवाह करना चाहिए।
  • विवाह से पहले विशेष पूजन और अनुष्ठान करना चाहिए, जैसे कि मंगल शांति पाठ।
  • हनुमान जी की पूजा और मंगलवार का व्रत करना लाभदायक होता है।
  1. शनि और राहु का प्रभाव

शनि और राहु की प्रतिकूल स्थिति विवाह में देरी, वैवाहिक जीवन में मनमुटाव और संघर्ष का कारण बन सकती है।

समाधान:

  • शनिवार को शनि देव की पूजा करें और गरीबों को दान दें।
  • राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • शिवलिंग पर जल और काले तिल अर्पित करें।
  1. कुंडली में सप्तम भाव की कमजोर स्थिति

सप्तम भाव विवाह का भाव होता है। यदि यह भाव अशुभ ग्रहों से प्रभावित हो या कमजोर हो, तो विवाह में परेशानियाँ आ सकती हैं। वैवाहिक जीवन हर व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू होता है

Continue reading :- वैवाहिक जीवन में समस्याएँ: ज्योतिषीय कारण और समाधान

Comments

Popular posts from this blog

Name Rashifal - A Alphabet 2025 Horoscope

बच्चों की कुंडली और उनका भविष्य: ज्योतिष का महत्व

IVF Predictions: Harnessing Astrology For Successful Conception