मृत्यु आने से पहले मिलते हैं ये संकेत, जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष?

जीवन में हर किसी की एक निश्चित आयु होती है, और यह आयु कब पूरी होगी, यह तो कोई नहीं जान सकता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे संकेत होते हैं, जो जीवन के अंत को संकेतित करते हैं? जी हां, चिकित्सा ज्योतिष और स्वास्थ्य ज्योतिष के माध्यम से हम अपने जीवनकाल और स्वास्थ से संबंधित कई महत्वपूर्ण पहलुओं को समझ सकते हैं। आइए जानते हैं कि मृत्यु के संकेतों के बारे में क्या कहती है ज्योतिष, और  इसका उपयोग करके हम मेरा जीवनकाल कितना होगा का अनुमान लगा सकते हैं।

 2. स्वास्थ्य संबंधी संकेत

स्वास्थ्य ज्योतिष के तहत कुछ विशेष ग्रहों और उनकी स्थितियों का अध्ययन किया जाता है जो हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं। कुंडली द्वारा आयु का आंकलन उदाहरण के लिए:

·  सूर्य: सूर्य शरीर के आत्मबल और जीवन शक्ति का प्रतीक है। यदि सूर्य कमजोर हो या प्रभावित हो, तो यह शारीरिक दुर्बलता, ऊर्जा की कमी और बीमारियों को संकेत कर सकता है।

·  चंद्रमा: मानसिक शांति और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। अगर चंद्रमा पर कोई अशुभ ग्रह प्रभाव डालता है, तो यह मानसिक विकार, तनाव, और अवसाद को दर्शा सकता है।

·  मंगल और शनि: इन ग्रहों की स्थिति किसी गंभीर रोग या शारीरिक कष्ट का संकेत देती है, जो जीवन की अंतिम अवस्था तक जा सकता है।

3. मृत्यु के संकेत

जीवन के अंत की ओर बढ़ते समय कुछ ग्रह विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाते हैं। इन ग्रहों के मिश्रण और विशेष स्थिति के आधार पर मृत्यु के संकेत मिल सकते हैं:

·  शनि: शनि को मृत्यु के ग्रह के रूप में माना जाता है। यदि शनि की स्थिति कुंडली में किसी विशेष भाव में हो, तो यह जीवन की अंतिम अवस्था के संकेत दे सकता है।

·  केतु और राहु: इन ग्रहों की चाल और स्थान भी मृत्यु के संकेत देते हैं। यदि ये ग्रह जन्म कुंडली के कुछ विशेष स्थानों में स्थित होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन काल को लेकर संकेत मिल सकते हैं।

4. चिकित्सा ज्योतिष द्वारा जीवन काल का अनुमान

चिकित्सा ज्योतिष में व्यक्ति के जन्म कुंडली के आधार पर यह जानने की कोशिश की जाती है कि उसे किस प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इसका उद्देश्य केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का अनुमान लगाना नहीं है, बल्कि जीवन काल को लेकर भी संकेत मिल सकते हैं। इससे जीवनशैली और खानपान में बदलाव करके कई समस्याओं से बचा जा सकता है।

 5. जीवन काल का ज्ञान प्राप्त करना

ज्योतिष का उपयोग करके हम जीवन काल का अनुमान लगा सकते हैं। यह केवल ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है कि व्यक्ति का जीवन कितना लंबा होगा और कौन से ग्रह जीवन की अवधि को बढ़ा सकते हैं। यदि कुंडली में शुभ ग्रहों की स्थिति मजबूत है, तो जीवन लंबा और स्वस्थ हो सकता है, वहीं अशुभ ग्रह जीवन के अंत को जल्द ला सकते हैं। 

निष्कर्ष

ज्योतिष के माध्यम से मृत्यु से पहले मिलने वाले संकेतों और जीवन काल के बारे में जानकारी प्राप्त करना संभव है। हालांकि, यह केवल एक दिशानिर्देश है, और इसके साथसाथ अच्छे आहार, जीवनशैली और नियमित चिकित्सकीय जांच भी जरूरी है। यदि आप अपनी जन्म कुंडली के माध्यम से स्वास्थ्य और जीवन काल के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो चिकित्सा ज्योतिष और स्वास्थ्य ज्योतिष के विशेषज्ञ से सलाह लें।

आपका जीवन मूल्यवान है, और ज्योतिष की सहायता से आप इसके हर पहलू को समझ सकते हैं और बेहतर बना सकते हैं। 

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

और भी पढ़ें: शिशु ज्योतिष | आजका राशिफल

Source :-  https://kundlihindi.com/blog/death-hone-se-pahle-milte-hai-ye-sanket/ 


Comments

Popular posts from this blog

बच्चों की कुंडली और उनका भविष्य: ज्योतिष का महत्व

Married Life Problems? How Planets Influence Relationship Issues

Name Rashifal - A Alphabet 2025 Horoscope